जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत मैयाजी को निस दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी ।| जय अम्बे गौरी ॥ माँग सिन्दूर विराज...
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Home / Archive for December 2015
आरती बृहस्पति देवता की
जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा । छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी । जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबक...
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संतोषी माता की आरती (Shri Santoshi Mata Ki Aarti)
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को, सुख संपति दाता ॥ जय सुंदर चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो । हीरा पन्ना दमके, तन श्रृं...
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साईं बाबा की आरती एवं पद
आरती श्री साईं गुरुवर की ! परमानन्द सदा सुरवर की !!धृ!! जाकी कृपा विपुल सुखकारी ! दुःख, शोक, संकट, भयहारी !!1!! शिर्डी में अवतार रचा...
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गायत्री मंत्र
हिन्दू धर्म के अनुसार सुबह सुबह जो गायत्री मंत्र का पाठ करता है उसके घर भी गरीबी नहीं आती है, वह घर कलेश मुक्त होता है, न उस घर में ...
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